Ranjan Veena: Inventor's Note

 

Niranjan Haldar

 

Following is the first note written by inventor of Ranjan Veena.

रंजन वीणा

युगों युगों से वीणा हमारी संस्कृति का आद्य तंत्री वाद्य है। वैदिक काल में वाद्य संगीत में वीणा वादन प्रमुख आकर्षण था। परिवर्तन जीवन और संस्कृति का शाश्वत नियम है। शताब्दियाँ बीतती रहीं ; सभ्यताएँ बदलती रहीं और हर काल खण्ड के अनुसार सभी कला शैलियों में भी बदलाव होता रहा। वीणा से सुरबहार , सितार , सरोद , गिटार ( कच्छपी - वीणा ) आदि की सृष्टि हुई।

समय की इस धारा में प्रवाहमान होते हुए प्रगति और संज्ञान के इस गतिमय दौर में स्थूल का रूपांतरण निरंतर सूक्ष्म में हो रहा है। प्राचीन उत्तर भारतीय विचित्र वीणा के विशाल आकार उसके रख - रखाव एवं समारोहों में कठिन परिवहनीयता के कारण शनै : शनै : उसका प्रयोग कम होने लगा। जहाँ तक मेरे निजी व्यक्तित्व का प्रश्न है विचित्र वीणा के प्रति मेरा मोह सदैव सर्वोपरि रहा है। इसीसे प्रेरित होकर मैंने विचित्र वीणा के इस सूक्ष्म रूपाकर वाद्य यंत्र की परिकल्पना , प्रयोग तथा निर्माण किया। अपनी सूझ बूझ , शोध एवम दस वर्ष के सघन प्रयास से इसे रचा जिसमें न केवल विचित्र वीणा वरन इस से उत्पन्न वाद्य जैसे सुरबहार , सितार और गिटार का मिश्रित रूप प्रतिबिम्बित होता है। यह वाद्य स्वर और रूप में पूर्ण स्वतंत्र तथा अभिनव है। चार सप्तक की स्वर सीमा में वीणा की गम्भीरता , सुरबहार का ठहराव , सितार की मधुरता तथा गिटार की चपलता समान रूप से परिलक्षित होती है।

मैं अपनी इस कृति को रंजन वीणा के नाम से सम्बोधित करना चाहता हूँ ताकि संगीत रसिक जनों का , यह नया वाद्य भी शाश्वत भारतीय सिद्धांतों के अनुरूप ही मनोरंजन कर सके। धीमे धीमे मधुर आलाप , स्वर विस्तार , तान , गमक , गत और गति में परिणित झाला हमारे संगीत की पारम्परिक अवधारणा है। इस परम्परा को मैं पूरी मर्यादा और विनम्रता से निर्वाह करूंगा। मेरा लक्ष्य है कि रंजन वीणा के सांगीतिक एवम सृजनात्मक स्म्भावनाएँ विस्तार पाएँ ; निर्णायक हमारे कलावंत और रसिक श्रोता ही होंगे। उनका निर्णय ही मेरा सर्वोत्तम प्रतिसाद एवं आशीर्वाद होगा।

इसी कामना के साथ ,

निरंजन हाल्दार

12 December 2007

 


 

Links:

Excerpts from Bharatiya Sangeet Vadya: Swar-Mandal

Sonorous Sounds the Veena

Excerpts from Bharatiya Sangeet Vadya: Other Veena-s

Shruti Veena: Manifestation of Bharat’s Gram and ChatuhSarana -- Dr. Lalmani Misra

Contemporary Problems for Indian Music -- Dr. Lalmani Misra

Dr. Lalmani Misra on Wikipedia

Deshi on Ranjan Veena

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